ओबीसी का बहुलांश हिस्सा न केवल सामाजिक-शैक्षणिक तौर पर पिछड़ा है, बल्कि संपत्ति और साधन विहीन भी है। इस समुदाय के एक बडे हिस्से के पास कोई हुनर भी नहीं है। आजादी के बाद निरंतर इसकी उपेक्षा हुई, इसके कारण क्या हैं, इस पर रोशनी डाली है, पी.एस. कृष्णनन ने :