अन्नाभाऊ साठे के मुताबिक, भारत की तरह मास्को में भी, जहां जाओ वहां वजन मापने जैसी मशीनें लगी हुई थीं। अंतर बस इतना था कि भारत में ये मशीनें वजन के साथ भाग्य बताती हैं तो मास्को में ये मशीनें दो रूबल डालने पर, वजन बताने के साथ-साथ प्याला भर ठंडा शरबत भी देती थीं। वे दर्शाती थीं कि रूस में मशीनें भी अतिथियों का सम्मान करती हैं