राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के पद पर ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति होनी चाहिए थी, जो दलितों, आदिवासियों, विमुक्त समुदाय, और अन्य कमजोर वर्गों के अधिकारों के प्रति समर्पित होता। क्योंकि इन वर्गों के अधिकारों के बिना मानवाधिकारों की संकल्पना करना निराधार है। बता रहे हैं अनुराग भास्कर