इंदर सिंह नामधारी के अनुसार संसद में बहस का स्तर गिर रहा है। देश की प्रमुख समस्याओं पर कोई भी बहस नहीं करना चाहता। सब लोग किसी तरह सत्ता प्राप्त करने की जिजीविषा पाल बैठे हैं। राजनीति में तो बस ‘जिसकी लाठी, उसकी भैंस’ की स्थिति हो गई है। वास्तव में, सबसे बड़े लोकतंत्र का तमगा पहनने वाले इस देश की हालत ‘ऊपर से फिट-फाट, भीतर से मोकामा घाट’ वाली है