तब के भारत में तो इस किताब ने भूचाल ला दिया था। गांधी सहित लगभग सभी सवर्ण नेताओं ने मिस मेयो की ‘मदर इंडिया’ का खंडन किया था। लाला लाजपत राय ने भी एक किताब ‘दुखी भारत’ लिखकर इसका विरोध किया। असल में ‘मदर इंडिया’ सामाजिक विषमता, अंधी परंपराओं, भयानक अशिक्षा और गरीबी में जकड़े भारत की वह नंगी तस्वीर दिखाती है जिसे देखकर कोई भी संवेदनशील व्यक्ति विचलित हो सकता है