मेरे ही गांव में जहां मैं रहता भी हूं, वहां लोगों को पता ही नही है कि राम कभी वहां आए थे। एक दिन सरकार के आदेश पर राम वनगमन का बोर्ड वहां लगा दिया गया। जिस स्थान पर यह बोर्ड लगाया गया है वह हमारे पुरखों का स्थान है। हम लोग उसे चिट्पीन माता के स्थान के नाम से जानते हैं। बता रहे हैं मनीष कुंजाम