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डॉ. एन. सिंह बता रहे हैं कि भले ही ओमप्रकाश वाल्मीकि को देश-दुनिया के पाठक उनकी आत्मकथा ‘जूठन’ के लिए जानते हों, लेकिन उनका कवि एवं कहानीकार व्यक्तित्व भी काफी महत्वपूर्ण है