हर एक संस्थान में हमारे देश की लोकतांत्रिक भावना मौजूद है, वह उसी रीति-नीति से चलते हैं, इसकी मूल भावना खत्म होती जा रही है। लोकतांत्रिक मूल्यों का हर बड़े संस्थान में बुरी तरह से अवमूल्यन हो रहा है। यूजीसी, यूपीएससी सभी को देख लीजिए, सभी जगह संघ कमान अपने हाथ में लेता जा रहा है। नीलांजन मुखोपाध्याय की राय :