–
सवाल यही है कि पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में काम करने वाले श्रमिक केवल आदिवासी होने के कारण उपेक्षा के शिकार हैं? उनकी दयनीय हालत व सरकार के दावों की पड़ताल कर रहे हैं राजन कुमार
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
जयस दो अक्टूबर को किसान महापंचायत का आयोजन कर रहा है, जिसमें फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर भी शामिल होंगे। शक्ति प्रदर्शन करने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में जयस अपने एजेंडे की घोषणा भी करेगा। पढ़ें फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :
हिंदुत्ववादी संगठनों के लिए तिरंगा का कोई महत्व नहीं है। राजस्थान के सिरोही जिले में जब एक आदिवासी प्रोफेसर ने भगवा झंडा फहराये जाने का विरोध किया तब उलटे उन्हें ही देशद्रोही कह उत्पीड़न किया जा रहा है। फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :
राजस्थान विधानसभा चुनाव के ठीक पहले छात्र चुनाव में ‘भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा’ ने दक्षिणी राजस्थान के अधिकतर कॉलेजों में एकतरफा जीत हासिल करके सबका ध्यान आकर्षित किया है। आगामी विधानसभा चुनाव में कितना प्रासंगिक रहेगा ‘भील प्रदेश’ का मुद्दा, जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट :
मध्यप्रदेश के कुछ आदिवासी संगठनों ने युवा अादिवासियों के संगठन ‘जयस’ की राजनीतिक गतिविधियों से दूरी बना ली है। ये सामाजिक संगठन जयस का विरोध भी नहीं कर रहे हैं, लेकिन विभिन्न कारणों से उसके साथ भी नहीं हैं। फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :
This post is only available in Hindi.
Visit the Forward Press Facebook page and and follow us on Twitter @ForwardPressWeb
आत्मसम्मान और संवैधानिक अधिकारों के मुद्दों पर आदिवासियों को संगठित करने वाला जयस मध्यप्रदेश में तीसरे मोर्चे के रुप में उभर रहा है। भाजपा-कांग्रेस को डर है कि आदिवासी वोटबैंक कहीं जयस के साथ न चला जाए। बता रहे हैं राजन कुमार :
Last Thursday, Adivasis from all over the country converged on Parliament Street, New Delhi, as part of JAYS Mission 2018. Their main demand was the implementation in full of the Fifth Schedule in areas of the ten states brought under its purview
बीते रविवार को दिल्ली के संसद मार्ग पर देश भर के आदिवासी बड़ी संख्या में जुटे। उनकी मुख्य मांग अधिसूचित क्षेत्र के तहत चिन्हित दस राज्यों में पांचवीं अनुसूची को शतप्रतिशत लागू करने की थी। जयस के मिशन 2018 के तहत हुए इस आयोजन के बारे में बता रहे हैं राजन कुमार :
Mahishasur has been established as a discourse. There are a lot of unanswered questions though – which came up in Parliament in February 2016. According to india-reviews.com, Forward Press Books’ ‘Mahishasur: Mithak wa Paramparaye’ (Mahishasur: Myth and Traditions) provides answers to these questions and backs them up with proof
महिषासुर एक विमर्श के रूप में स्थापित हो चुके हैं। हालांकि अब भी अनेक सवाल हैं। ये वे सवाल हैं जिन्हें पिछले साल फरवरी में संसद में उछाला गया। महिषासुर मिथक व परंपराएं के बारे में इंडिया रिव्यूज डॉट कॉम के अनुसार यह किताब संसद में उठे सवालों का जवाब प्रमाण के साथ देती है
Today, on Birsa Munda’s 143rd birth anniversary, when Adivasis all over the country will remember ‘Dharti Aaba’, they will still carry the fire that Birsa lit. Why is that so? What is the history of Ulgulan and what form has today’s struggle taken? Rajan Kumar explains
आज जब बिरसा मुंडा की 143वीं जयंती पर पूरे देश के आदिवासी धरती आबा को याद करेंगे तब उनके सीने में बिरसा की लगायी आग जरूर जलेगी। इसकी वजह भी है। बिरसा जयंती के मौके पर उलगुलान के इतिहास और वर्तमान संघर्ष का स्वरूप बता रहे हैं राजन कुमार :
ABVP, the student wing of the RSS, has had to suffer defeats in students’ union elections of universities all over the country. The Adivasi student organizations in Madhya Pradesh have been the latest to inflict on them a thrashing. Do these defeats pose a danger to Narendra Modi?
देश भर के विश्वविद्यालयों के छात्रसंघों के चुनाव में आरएसएस समर्थित एबीवीपी की हार हो रही है। अब मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों में जयस के आदिवासी छात्र संगठनों ने भी उसे करारी मात दी है। एक बड़ा सवाल यह है कि विश्वविद्यालयों में हार नरेंद्र मोदी के लिए खतरा तो नहीं। बता रहे हैं राजन कुमार :