नास्तिक बाबा ने ब्राह्मणवाद के खिलाफ कई पुस्तकें लिखीं हैं, जिनमें ’सुधार नहीं क्रांति (पांच भागों में)’, ’कलियुग का रावण’, ‘सम्पूर्ण क्रांति बनाम मनुस्मृति’, ‘रामायण क्यों जलाई जाए’, ‘नास्तिक –सिस्टर संवाद’ एवं ‘नारी, नास्तिक, शूद्र को समर्पित कविता’ प्रमुख हैं।