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बीते 14-15 जनवरी,2019 को हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक धार्मिक आयोजन के दौरान नरगिस के फूलों का गुच्छा एक दलित युवक की गोद में गिरा। भीड़ ने न केवल उस युवक को पीटा, बल्कि उसके पांच साथियों की भी पिटाई की
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
बीते 7 सितंबर 2018 को हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में युवा दलित नेता व अधिवक्ता केदार सिंह जिंदान की निर्मम हत्या कर दी गयी। हालांकि पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है और मृतक के आश्रितों को बीस लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा भी कर दी है, इसके बावजूद सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। राजेश शर्मा की रिपोर्ट
Ravi Kumar Dalit is a well-known name in Himachal Pradesh’s capital. He raises issues pertaining to Dalits even as he sells vegetables for sustenance. He has even contested the assembly election against Virbhadra Singh on a BSP ticket
रवि कुमार दलित हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक जाना-पहचाना नाम है। दलित मुद्दों को प्रमुखता से उठाने वाले रवि अपना जीवन-यापन सब्जी बेचकर चलाते हैं। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर वीरभद्र सिंह के खिलाफ चुनाव भी लड़ा। दलितों के सम्मान की खातिर अपने तरीके से लड़ने वाले रवि के बारे में बता रहे हैं राजेश शर्मा :
The Madhya Pradesh government’s Skill Development and Employment Generation Board has ended up like a contractor that is exploiting desperate Adivasi youths
मध्य प्रदेश सरकार का कौशल विकास व रोजगार निर्माण बोर्ड ऐसा ठेकेदार बनकर रह गया है, जो मजबूर आदिवासी युवाओं का शोषण कर रहा है। राजेश शर्मा की रिपोर्ट :
The Betul district collector has issued a notice to that effect against Alsiya Pardhi, who has been fighting for the rights of the community that makes a living by performing circuses on the streets. Ironically, those accused of sexual assault and murder of Pardhi women in 2007 have yet to be punished
सड़कों के किनारे तमाशा दिखा कर अपना पेट पालने वाला पारधी समुदाय के न्याय और हक के लिए लड़ने वाले अलसिया पारधी को बैतूल कलक्टर द्वारा जिला-बदर का नोटिस दिया गया है। 2007 में पारधी महिलाओं से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषियों को अब तक सजा नहीं हो पाने एवं अलसिया पारधी को जिला-बदर का नोटिस मिलने से शिवराज सरकार की मंशा पर प्रश्नचिह्न लग रहे हैं। बता रहे हैं राजेश शर्मा :