गरीब सवर्णों के आरक्षण को मायावती से लेकर रामविलास पासवान और रामदास आठवले तक ने समर्थन किया है। इस प्रकार इस विधेयक ने दलित समुदाय के बीच से उठती आवाज़ों को एक किया है। इसके पीछे एक कारण है। दरअसल, देश में दलित नेतृत्व गरीब जनता द्वारा गरीब जनता के लिए है