शैली किरण बता रही हैं कि यशपाल की रचनाएं वैविध्यपूर्ण व बहुआयामी होने के बावजूद कई सवालों को अनसुलझा छोड़ जाती हैं। जाहिर तौर पर ये वही सवाल हैं, जो जोतीराव फुले, सावित्रीबाई फुले और डॉ. आंबेडकर न केवल लोगों के सामने लेकर आते हैं बल्कि उनके जवाबों के लिए मुक्ति का मार्ग भी बताते हैं