संस्कृति और परंपराएं सामाजिक मानदंडों का निर्धारण करती हैं। जिनकी अपनी संस्कृति नहीं होती, उनका न तो कोई अतीत होता है और न ही वर्तमान। भविष्य को लेकर भी कोई सकारात्मक तस्वीर नहीं बनायी जा सकती। यही वेदना है इस चिट्ठी में जो सात समंदर पार से अमेरिका से आयी है