आदिवासी चाहे बस्तर के जंगलों में रहने वाले हों या फिर गंगा के मैदानी भाग में, उनका दमन जारी है। जल, जंगल और जमीन से जबरन दूर किये जा रहे आदिवासियों के विरोध को दबाने का पुलिसिया तरीका भी एक समान है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाकों में रहने वाले आदिवासियों को किस तरह झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है, बता रहे हैं पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एस. आर. दारापुरी