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जगदेव बाबू की दूसरी मांग थी कि डॉ. भीमराव आंबेडकर का सारा साहित्य देश के सभी छात्रावासों, और पुस्तकालयों में रखवाया जाय। वहीं तीसरी मांग थी कि भ्रष्टाचार, बेकारी, और महंगाई को दूर करो तथा सभी मतदाताओं को फोटोवाला परिचय पत्र देकर मतदान को अनिवार्य करो। बता रहे हैं उपेंद्र पथिक
Jagdeo Prasad devoted his entire life to the service of the Bahujans and paid with his life. In a conversation with Upendra Pathik, his brother Virendra Prasad recalls his simple life, his struggle and his sacrifices
एक ऐसा व्यक्तित्व जिसका पूरा जीवन बहुजनों के लिए संघर्ष करते बीता, बहुजनों के इस नायक की सवर्णों ने हत्या करा दी। उनकी जयंती पर उनके भाई वीरेंद्र प्रसाद उनके सादगी पूर्ण जीवन, कुर्बानियों और संघर्षों को याद कर रहे हैं। उपेंद्र पथिक ने उनके भाई की बातों को लिपिबद्ध किया है
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आज दिल्ली में सरकार की आंखों के सामने संविधान की प्रतियां जलायी जा रही हैं। स्थानीय प्रशासन की नींद तब खुलती है जब पूरे देश में लाेग विरोध करते हैं। लेकिन जब रामस्वरूप वर्मा के आह्वान पर रामायण और मनुस्मृति की प्रतियां जलायी गयी थी तब सरकार पहले से ही चौकस थी और कार्यक्रम के पहले ही कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। अपना संस्मरण बता रहे हैं उपेंद्र पथिक :
The participants at the national conference of this organization founded by former UP finance minister the late Ramswaroop Verma resolved to embrace humanist values and renounce idol worship and superstitions
ब्राह्मणवाद के विरोध की बुनियाद पर उत्तरप्रदेश के भूतपूर्व वित्त मंत्री व समाजवादी नेता रामस्वरूप वर्मा द्वारा स्थापित अर्जक संघ का राष्ट्रीय सम्मेलन कई मायनों में खास रहा। देश भर के हजारों लोगों ने मूर्ति पूजा और पाखंडों के बदले मानववादी संस्कारों को अपनाने का संकल्प लिया। उपेन्द्र कुमार पथिक की रिपोर्ट :
Arjak Sangh’s founder Ramswaroop Verma used to attack brahmanical social evils, including the oppression and cheating that has gone on in the name of fate, god, curse, hell and so on, through which women have given a sub-human status
समाज में व्याप्त ब्राह्मणवादी कुरीतियों पर प्रहार करने वाले अर्जक संघ के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री राम स्वरूप वर्मा का कहना था कि आत्मा का अस्तित्व ही नहीं है, किसी के मरने पर दूसरा जन्म नहीं होता। भाग्य-भगवान श्राप ,नरक आदि काल्पनिक बातों का डर बनाकर कर्मकांड करके शोषण औऱ ठगी होती रही है, साथ ही इन कर्मकांड के माध्यम से महिलाओं को नीचा बनाया गया। बता रहे हैं अर्जक संघी उपेंद्र कुमार पथिक
Following in the footsteps of Jotirao Phule and Dr Ambedkar, Ramswaroop Verma observed society up close, analyzed it and set up Arjak Sangh to give it a new direction
महात्मा जोती राव फुले और डा. अंबेडकर के बाद 60 के दशक में जाने माने मानववादी और समाजवादी विचारक रामस्वरूप वर्मा ने समाज को नजदीक से देखा, परखा और अर्जक संघ की स्थापना करके देश और समाज को नयी दिशा देने का प्रयास किया
Professor Jairam Prasad, the closest associate of Martyr Jagdev Prasad, died on 13 January after battling cancer of the kidneys. He had been invited to chair the Jagdev Mela, scheduled for 2-3 February 2017, and the Forward Press team touring the country was planning to meet him during the event. It wasn’t to be
शहीद जगदेव प्रसाद के निकटतम सहयोगी प्रोफ़ेसर जयराम प्रसाद किडनी कैंसर की बीमारी से ग्रस्त होकर 13 जनवरी को इस दुनिया को छोड़ गये। उन्हें 2-3 फरवरी, 2017 को होने वाले ‘जगदेव प्रसाद मेला’ में अध्यक्षता के लिए बुलाया गया था, जहां भारत-भ्रमण पर निकली फॉरवर्ड प्रेस टीम उनसे मिलने वाली थी। उनकी मृत्यू के एक सप्ताह पहले ही उपेन्द्र पथिक ने इस आलेख में उनके संघर्षों और योगदान को याद किया था
On 14-15 November, supporters of the Arjak Sangh and the Shoshit Samaj Dal staged separate sit-ins at Jantar-Mantar, New Delhi, to mark the birth anniversary of Birsa Munda. These complementary organizations were established on 1 June 1968 and 7 August 1972, respectively. Ramswaroop Verma founded the Arjak Sangh. Ramswaroop Verma and Jagdev Prasad jointly founded the Shoshit Samaj Dal
पिछले 14-15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर अर्जक संघ और शोषित समाज दल के लोगों ने दो दिल्ली के जंतर-मंतर पर अलग-अलग धरना दिया। एक दूसरे के पूरक इन सगठनों की स्थापना क्रमशः एक जून 1968 , और 7 अगस्त 1972 को हुई थी। अर्जक संघ की स्थापना रामस्वरुप वर्मा ने की थी और शोषित समाज दल की स्थापना रामस्वरूप वर्मा जगदेव प्रसाद और ने एक साथ की थी
The birth anniversary of martyr Jagdev Prasad, known as the Lenin of Bihar, was celebrated on the premises of Kurtha sub-divisional office from 2 to 4 February. Rashtriya Shahid Jagdev Prasad Mela was organized under the leadership of Prof Jairam Prasad Kushwaha, national president of Shoshit Samaj Dal
बिहार के लेनिन के नाम से चर्चित शहीद जगदेव प्रसाद की जयंती के अवसर पर बिहार के अरवल जिलान्तर्गत कुर्था प्रखंड कार्यालय परिसर में 2 से 4 फरवरी तक राष्ट्रीय शहीद जगदेव मेला, ‘शोषित समाज दल’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. जयराम प्रसाद सिंह कुशवाहा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ