सामाजिक दृष्टि से अगड़ी जातियों और उच्च पिछड़ों के द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का विरोध करने के नकारात्मक परिणाम होंगे और ऐसा वातावरण निर्मित होगा जो समाज के एकीकरण, राष्ट्रीय एकता और देश की प्रगति व आर्थिक विकास के लिए घातक होगा