स्वतंत्र सोच वाला आंबेडकरवादी होने के नाते मैं इस बहस में नहीं पड़ता कि मेरी पौराणिक कथाएं तुम्हारी कथाओं से बेहतर हैं या मेरा ईश्वर, तुम्हारे ईश्वर से बड़ा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि हमें भारत की आने वाली पीढ़ियों को पुरोहित वर्ग के शोषण से बचाना है तो हमें ईश्वर के नाम पर खड़े किए गए विशाल साम्राज्य को ही चुनौती देनी होगी