गांधी के हरिजन से लेकर दलित तक – इसी में अछूतों के आत्मबोध के रूपांतरण की समूची प्रक्रिया निहित है और इस रूपांतरण के पीछे आंबेडकर ने ही गतिमान प्रेरणा का काम किया है। संभवत: वे पहले दलित नेता थे, जिन्होंने दलितों के सामाजिक जागरण में और राजनीतिक रूप से उन्हें सामने लाने में खासी सफलता हासिल की। डॉ. आंबेडकर के संबंध में भाकपा माले के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विनोद मिश्र के विचार