बिहार के अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले खुश्बू और डॉ. दिनेश पाल ने अपनी शादी के लिए निमंत्रण कार्ड को 56 पृष्ठों की पुस्तिका “झब्बा” के रूप में प्रकाशित कराया। भोजपुरी में झब्बा का मतलब होता है चाबियों का गुच्छा। इस पुस्तिका में फुले, आंबेडकर, जगदेव प्रसाद, रामस्वरूप वर्मा, भगत सिंह व रामस्वरूप वर्मा की रचनाएं शामिल हैं। अरुण नारायण बता रहे हैं इस खास बौद्धिक विवाह के बारे में