अर्थशास्त्री व शिक्षाविद प्रोफेसर के.एस. चालम, जिन्होंने देश में शिक्षा की स्थिति पर कई अध्ययन किए हैं, ने कहा कि स्वाधीनता से लेकर सन् 1990 तक, केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा व विदेशों से प्राप्त सहायता से, शिक्षा के क्षेत्र में जो भी निवेश किया गया, उसका लाभ आबादी के केवल 15 प्रतिशत हिस्से तक पहुंचा-ब्राह्मणों, क्षत्रियों और वैश्यों तक