6 दिसंबर 1956 को डॉ. आंबेडकर के महापरिनिर्वाण के बाद पूरे देश के दलित-बहुजन उदास थे। लेकिन इस मौके पर भी बड़ी संख्या में दलित-बहुजनों ने बंबई में उनके पार्थिव शरीर को छूकर बौद्ध धर्म स्वीकार किया। पढ़ें, सीआईडी, बम्बई की विशेष शाखा के वे दस्तावेज, जिनमें दर्ज हैं डॉ. आंबेडकर की अंतिम यात्रा की पल-पल की घटनाएं :