यह सावित्रीबाई फुले की जीवन यात्रा है जिन्हाेंने उस समय महिलाओं को शिक्षित बनाने का प्रयास किया था जब महिलाओं को घर में कैद रखा जाता था। तब उनके उपर गोबर और पत्थर फेंके जाते, लेकिन उन्होंने अपनी यात्रा को निर्बाध जारी रखा व भारत की पहली महिला शिक्षिका बनीं