बिहार विधान सभा में इस बार अध्यक्ष का पद भाजपा के विजय कुमार सिन्हा के पास है। वे हिंदुत्व के एजेंडे को लागू करने में जुट गए है। इसी क्रम में पहली बार विधान सभा के पुस्तकालय में सरस्वती पूजा आयोजित की गई। बता रहे हैं वीरेंद्र यादव
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संजय कुमार ने सीएसडीएस के निदेशक के रूप में बिहार के चुनाव को काफी नजदीक से देखा है। चुनाव में जाति की भूमिका, जातियों का राजनीतिक चरित्र और मतदान की प्रवृत्ति का भी गहन अध्ययन किया है। उनकी पुस्तक ‘बिहार की चुनावी राजनीति: जाति-वर्ग का समीकरण (1990-2015) बिहार के तीन दशकों की राजनीति पर व्यापक अध्ययन है
बिहार सरकार ने हालांकि अपने उस पत्र को यह “भूल से निर्गत” कहते हुए वापस ले लिया है जिसमें मजदूरों की भारी संख्या में आमद होने पर आपराधिक घटनाओं के बढ़ने का अंदेशा जताया गया था। वीरेंद्र यादव बता रहे हैं कि आखिर सरकार की मानसिकता ऐसी क्यों है जो हर दलित-पिछड़े को अपराधी की निगाह से देखती है
बिहार की राजधानी पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि कुर्मी (ओबीसी) जाति से आते हैं। उनके एक आदेश के को लेकर पटना के कुछ द्विज पत्रकार उबल पड़े हैं। कोई उन्हें आरक्षित वर्ग का कहकर कोस रहा है तो कोई कुछ और। बता रहे हैं पटना से वीरेंद्र यादव
बीते 12 मई को बिहार में दलितों के लोकनायक चौहरमल की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इसके पीछे की सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कारणों की चर्चा कर रहे हैं वीरेंद्र यादव
पशुपालन करने वालों में बहुलांश दलित और पिछड़े वर्ग के लोग हैं, जिनकी आजीविका का एकमात्र साधन पशुपालन ही है। इसकी एक वजह यह भी कि इन वर्गों के लोग या तो भूमिहीन हैं या फिर छोटी जोत वाले खेतिहर किसान/मजदूर हैं। वीरेंद्र यादव बता रहे हैं कोरोना काल में किस तरह की चुनौतियों से जुझ रहा है पशुपालक समाज
महाराष्ट्र और उड़ीसा के बाद अब बिहार विधानसभा ने दूसरी बार जातिगत जनगणना को लेकर प्रस्ताव पारित कर दिया है। चूंकि बिहार में इसी वर्ष चुनाव होने हैं, इस कारण सवाल भी उठ रहे हैं। वीरेंद्र यादव की खबर
लेखक वीरेंद्र यादव बता रहे हैं कि झारखंड के बाद अब बिहार भी मॉब लिंचिंग प्रदेश के बनने की राह पर अग्रसर है। हाल के दिनों में एक के बाद एक कई घटनाएं घटित हुई हैं जिनमें दलित और ओबीसी के लोग शिकार हुए हैं
Birendra Yadav on how, after Jharkhand, Bihar, too, is on course to become a ‘mob-lynching state’. Bihar has witnessed a string of mob lynchings recently. All the victims have been either Dalits or OBCs
लोकसभा चुनाव-2019 में मिली करारी हार के बाद राजद के हौसले पस्त नजर आ रहे हैं। बिहार विधानसभा में सबसे बड़ा दल होने के बावजूद विपक्ष के रूप में उसकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। इसे लेकर कयासबाजियों का दौर भी जारी है
अर्जक संघ की शुरूआत उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व वित्त मंत्री रामस्वरूप वर्मा ने की थी। वे चाहते थे कि श्रमण परंपरा के लोग जो कि असल में अर्जक हैं, द्विजों की वर्चस्वादी परंपराओं को छोड़ मानववादी परंपराओं को अपनायें। उत्तर प्रदेश-बिहार में इस परंपरा को व्यापक स्वीकृति मिल रही है