आश्चर्य नहीं कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार अपने आप को पिछड़ी जाति का नेता बताकर पिछड़ी जाति का वोट और सहानुभूति पाने में सफल रहे हैं। लेकिन जातिगत जनगणना से अब वे कतरा रहे हैं। पढ़ें, जितेंद्र यादव का यह आलेख
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