आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला लोकतंत्र विरोधी है। लोकतंत्र में कोर्ट सुप्रीम नहीं होता, जनता सुप्रीम होती है। जनता का फैसला कोर्ट को मानना ही होगा। देश संविधान से चलेगा न कि मनुवादी कोर्ट से। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला जनता नहीं मानेगी