किशोर आपकी तब ही सुनेंगे, जब आप उनकी सुनेंगे। अगर उन्हें ऐसा लगेगा कि आप उनके दृष्टिकोण को समझने का प्रयास नहीं कर रहे हैं तो वे आपकी बात नहीं सुनेंगे। यद्यपि किशोर, वयस्कों की तरह व्यवहार करने का प्रयास करते हैं परंतु वे न तो वयस्क होते हैं और ना ही बच्चे