स्वामी अछूतानन्द जी ‘हरिहर’ द्वारा चलाया गया आन्दोलन हिन्दी क्षेत्र का प्रथम दलित आन्दोलन था, जो विशुद्ध रूप से सामाजिक और राजनीतिक था। इसका उद्देश्य समाज में जागृति और चेतना पैदा करना था। अपने आन्दोलनों को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने साहित्य का भी सहारा लिया। आज यह साहित्यिक आन्दोलन हिन्दी दलित साहित्य आन्दोलन का नींव बन गया है। स्वामी जी हिन्दी के प्रथम दलित पत्रकार, संपादक एवं प्रेस संस्थापक भी थे, बता रहे हैं राज बहादुर