दरअसल, दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है। कांग्रेस वर्ष 2006 में निर्दलीय मधु कोड़ा की सरकार को बाहर से समर्थन देकर एक बार अपना हाथ जला चुकी है, जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ा है। छवि बनाने की जुगत में कांग्रेस दागी चेहरों को सत्ता तक पहुंचाने से परहेज कर रही है