‘जयप्रकाश नारायण मौन क्यों हैं? जब उनके नाम से आरक्षण का विरोध हुआ, आर्थिक आधार की वकालत की गयी। सामाजिक और शैक्षणिक आधार पर पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण को लेकर आंदोलन काफी आगे बढ़ चुका है, तो फिर वे मौन क्यों है? कारण क्या है? शायद वे भी हतप्रभ हैं।’ पढ़ें, भूतपूर्व सांसद रामअवधेश सिंह द्वारा 23 मार्च, 1978 को प्रकाशित व संपादित पत्रिका ‘बदलाव’ के प्रवेशांक का संपादकीय आलेख