राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने बीपीएससी से दस दिनों के अंदर जवाब मांगा है। इसका सबब यह कि इस वर्ष बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर हुई नियुक्तियों में आरक्षित वर्गों की अनदेखी के मामले प्रकाश में आए हैं। आरटीआई के द्वारा मांगी गयी जानकारी भी बीपीएससी को कटघरे में खड़ा करती है। रामकृष्ण यादव की रिपोर्ट
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राज्य सरकार के नियम के मुताबिक आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी यदि मेरिट के आधार पर अनारक्षित कोटे में अपनी जगह बनाते हैं तब उनकी नियुक्ति अनारक्षित कोटे में ही होगी। लेकिन आयोग द्वारा जारी परिणाम में इस नियम को दरकिनार कर सवर्णों को 50 फीसदी आरक्षण दे दिया गया है
ओबीसी की अवधारणा एक गतिशील अवधारणा है, जहाँ जातियों का वर्ग में रूपांतरण हो गया है और हो रहा है। ओबीसी साहित्य इसी प्रगतिशील अर्थ में ओबीसी की अवधारणा को स्वीकार करता है। ‘ओबीसी साहित्य का दार्शनिक आधार’ पुस्तक की समीक्षा कर रहे हैं रामकृष्ण यादव :
OBC is a dynamic concept, wherein castes are being transformed into class, and OBC Literature accepts this dynamic concept, says Ramkrishna Yadav, in his review of the book OBC Sahitya Ka Darshanik Aadhaar
डा. राजेन्द्र प्रसाद सिंह की नई पुस्तक ओबीसी विमर्श को प्रतिष्ठापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने इस पुस्तक में ओबीसी साहित्य की अवधारणा के संदर्भ में अत्यंत गंभीर विवेचन- विश्लेषण प्रस्तुत किया है और ओबीसी साहित्य की परंपरा,मूल्यों, मान्याताओें, सिद्धांतों को तार्किक ढंग से रेखांकित किया है
Dr Rajendra Prasad Singh’s new book is an important step in the direction of establishing the concept of OBC discourse. The book presents an indepth analysis of the concept and logically presents the tradition, values, beliefs and principles