1972 में शुरू हुआ दलित पैंथर्स आंदोलन महाराष्ट्र में दलितों के असंतोष और आक्रोश की सबसे मुखर अभिव्यक्ति थी। इस संगठन के बैनर तले दलितों ने सीधे जातिगत अत्याचार का प्रतिकार किया। दलित पैंथर्स के संस्थापकों में से एक जे.वी. पवार से ‘द वायर’ के लिए सिद्धार्थ भाटिया के साक्षात्कार का हिन्दी अनुवाद