बस्तर के भानपुरी, बालेंगा, टिकनपाल व इच्छापुर आदि पंचायतों के गांवों में बाहर से आने वाले श्रमिकों के बारे में प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराया जा रहा है। मौके पर ही मजदूरों की स्क्रीनिंग की जा रही है। जरूरत पड़ने पर आइसोलेट भी किया जा रहा है। बता रहे हैं तामेश्वर सिन्हा
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छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एकबार फिर माओवादी हमले में 17 जवान शहीद हुए हैं। मरने वालों में 15 आदिवासी और 2 ओबीसी थे। ये सभी डीआरजी और एसटीएफ के सदस्य थे। तामेश्वर सिन्हा बता रहे हैं कि स्थानीय आदिवासी व अन्य मूलवासी युद्ध बलि बन रहे हैं
सुरेश जगत छत्तीसगढ़ के गठन के 18 वर्षों के बाद पहले आदिवासी हैं, जो आईएएस बने हैं। उनके पहले अजीत जोगी थे, जो आईएएस अधिकारी बने थे
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में आदिवासी युवाओं ने महिषासुर-रावण वध का विरोध करते हुए यात्रा निकाली। इस दौरान ब्राह्मणवादियों द्वारा थोपी जा रही परंपराओं का विरोध व पेसा कानून, वनाधिकार कानून और पांचवीं अनुसूची को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया। फारवर्ड प्रेस की खबर
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
छत्तीसगढ़ के आदिवासी अपने-अपने इलाके के थाना प्रभारी से लेकर राज्यपाल तक से मांग कर रहे हैं कि रावण-महिषासुर वध के प्रदर्शन पर रोक लगायी जाय क्योंकि वे उनके पुरखे हैं। लेकिन उनकी मांग को सरकारी अधिकारी अनसुना कर रहे हैं। फारवर्ड प्रेस की खबर :
राजनीति में आने से पहले 37 वर्षीय कोमल हुपेंडी छत्तीसगढ़ सरकार में अधिकारी थे। 2016 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और राजनीति में सक्रिय हो गये। आम आदमी पार्टी ने उन्हें इस बार छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में पेश किया है
Before joining politics, 37-year-old Komal Hupendi served as an officer in the Chhattisgarh government. He is today Aam Aadmi Party’s chief ministerial candidate
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के नुलकातोंग गांव के बाहर एक झोपड़ी में सोये लोगों पर पुलिस ने बीते 6 अगस्त 2018 को हमला बोला। इस घटना में 15 लोग मारे गये। पुलिस के मुताबिक मारे गये लोग जन मलेशिया(नक्सली संगठन) के सदस्य थे। जबकि गांव वालों के मुताबिक निर्दोष। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट :
On August 6, the police fired upon a hut in Nulkatong village, in Chhattisgarh’s Sukma district, killing 15 people who were sleeping inside. The police say those killed belonged to Jan Militia, a Naxalite outfit, while the villagers say that they were innocent. The case is now in the Supreme Court. Tameshwar Sinha reports
डिग्री प्रसाद चौहान ने छत्तीसगढ़ में महिषासुर आंदोलन को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। वे दलित-आदिवासियों के सांस्कृतिक व सामाजिक अधिकारों के लिए लडने वाले जमीनी कार्यकर्ता हैं। महाराष्ट्र पुलिस ने उन्हें ‘शहरी नक्सली’ करार दिया है। छत्तीसगढ़ से फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :
Degree Prasad Chouhan has played a crucial role in advancing the cause of the Mahishasur movement. He is a grass-roots activist and lawyer who fights for the cultural and social rights of Dalits and Adivasis. Now the Maharashtra Police have branded him as ‘urban terrorist’. Forward Press reports from Chhattisgarh