बिहार में गैर बराबरी और सामंतवाद के खिलाफ वंचितों के बीच सामाजिक-राजनीतिक एका कायम करने के लिए 1933 में त्रिवेणी संघ की स्थापना हुई। कालांतर में यह एक ऐसी बुनियाद बनी जिसके आधार पर बिहार की राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में बदलाव की आंधी बही। इसका असर केवल बिहार तक सीमित नहीं रहा। पढ़ें, त्रिवेणी संघ का यह मूल दस्तावेज जो वर्ष 1940 में प्रकाशित हुआ