दलितों और पिछड़ों को एक दूसरे के विरूद्ध खड़ा करने वाले ‘प्रगतिशीलों’ से यह भी पूछा जाना चाहिए कि क्या ओबीसी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति आदि कोई स्थिर सामाजिक समूह हैं? वस्तुतः जो जाति एक जगह अनुसूचित जाति में है वही दूसरी जगह अन्य पिछडा वर्ग में तथा कहीं अनुसूचित जनजाति में भी है