आजादी के बाद दलितों, आदिवासियों और ओबीसी के पक्ष में संवैधानिक और वैधानिक अधिनियमों के पीछे पी.एस. कृष्णन के दिलो-दिमाग और कलम की मह्ती भूमिका रही है। जैसे एससी/एसटी आयोग को संवैधानिक दर्जा, एससी और एसटी (अत्याचारों से संरक्षण) अधिनियम 1989 और मंडल आयोग एवं उसके सुझावों को लागू करने के संदर्भ में