‘आर्थिक आधार पर आरक्षण संविधान के विरुद्ध’ विषय पर बीते सात फरवरी को एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर अपने संबोधन में डीएमके सांसद कनिमोझी ने सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के फैसले को संविधान विरोधी करार दिया
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