सामाजिक कार्यकर्ता वंदना टेटे के मुताबिक, जहां तक आदिवासी समाज में डायन के नाम पर की जा रहीं हत्याओं का मामला है उसके कारणों में आदिवासी समाज के भीतर बाहरी तत्वों की घुसपैठ है। इस तरह की घटनाओं में वृद्धि हुई है। आदिवासी समाज कभी एक समूह हुआ करता था अब वह व्यक्तिगत होता जा रहा है। विशद कुमार की खबर