उत्तराखंड में एक वकील ने दलित अधिकारी को फेसबुक पर भला-बुरा कहा। मुकदमा दर्ज हुआ तब वकील ने फर्जी शपथ पत्र के जरिए दलित अधिकारी को ब्राह्मण करार दे दिया। जब पोल खुली तब हाईकोर्ट ने दो लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया। फारवर्ड प्रेस की एक खबर :
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उत्तराखंड में निकाय चुनाव नजदीक हैं। चुनाव से ठीक पूर्व परिसीमन के नाम पर एससी-एसटी वोटरों की बड़ी आबादी को मतदाता सूची से बाहर कर भाजपा सरकार ने नया बवाल खड़ा कर दिया है। करीब डेढ़ महीने तक कोर्ट में चली लड़ाई के बाद गेंद पूरी तरह से सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के पाले में है। सवाल उठता है कि क्या वह नए परिसीमन के आधार पर चुनाव कराने जा रही है? कमल चंद्रवंशी की रिपोर्ट :
In the run-up to the municipal elections in Uttarakhand, the BJP government is removing large numbers of Dalits and Adivasis from voter lists on the pretext of redrawing municipal boundaries