जब तक हमारा संविधान है, तभी तक हम अपनी बात रख पा रहे हैं। जिस दिन संविधान को डस्टबिन में डाल दिया जाएगा, उस रोज हम आपस में बात भी नहीं कर पाएंगे। हमें घरों में कैद कर दिया जाएगा। यह बात ‘हम ही से संविधान’ शीर्षक से आयोजित महिला सम्मेलन में मानवाधिकार प्रचारक शबनम हाशमी ने कही