पी. एस. कृष्णन, एस.आर. शंकरन, डॉ. बी.डी. शर्मा और डॉ. भूपिंदर सिंह की यह कहानी बता रहे हैं स्वयं पी.एस. कृष्णन। उनके मुताबिक, आईएएस अधिकारियों को प्रताड़ना के खतरे से डरे बगैर, निर्भीकता से पददलितों के लिए काम करना चाहिए। अगर उन्हें वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए निष्ठापूर्वक और बिना कोई समझौता किए काम करने के लिए प्रताड़ित किया जाता है तो इसे उन्हें अपने सम्मान और अपनी सेवाओं की मान्यता के रूप में देखना चाहिए