भारत में शक्ति के स्रोतों पर शोषक वर्ग का कब्जा है। जबकि विश्व स्तर पर परिस्थितियों में उल्लेखनीय बदलाव आया है। वह चाहे अमेरिकी अश्वेत हों या अस्ट्रेलिया या फिर दक्षिण अफ्रीका के मूलनिवासी, संसाधनों पर सभी की हिस्सेदारी बढ़ी है। लेकिन भारत में यह बदलाव क्यों नहीं हो रहा, बी.पी. मंडल की जयंती के मौके पर बता रहे हैं एच. एल. दुसाध :