इस बार का बिहार विधानसभा चुनाव युवामय हो गया है। दलित-बहुजन जातियाें के युवा राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए मैदान में हैं। इनमें एक संजय सहनी भी हैं जो मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार हैं। ये बहुत खास हैं। खास इसलिए कि ज्यां द्रेज, अरूंधति राय और निखिल डे जैसे देश भर के सामाजिक कार्यकर्ता इनके लिए चुनाव प्रचार में लगे हैं। बिजली मजदूर से विधायक उम्मीदवार बनने की कहानी बता रही हैं सीटू तिवारी
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सौ से अधिक बच्चों की मौत के बाद बिहार सरकार की नींद खुली। अब स्थिति में सुधार दिखने लगे हैं। पिछले दो दिनों में मुजफ्फरपुर में केवल एक बच्चे की मौत हुई है
बीते 18 जून के पहले बिहार के एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभाग में सीनियर रेजीडेंट डाक्टर की तैनाती नहीं थी। स्वास्थ्य महकमे की नींद तब खुली जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वहां का दौरा किया
The paediatrics department of SKMCH, Muzaffarpur, did not have a single senior resident doctor till 18 June. The state health department woke up from its slumber after Chief Minister Nitish Kumar visited the hospital that day
मुजफ्फरपुर के सीनेट हॉल में अखिल भारतीय सर्वजन संस्कृति मंच, तिरहुत प्रमंडल, मुजफ्फरपुर की ओर से ‘साझी संस्कृति बनाम आतंकवाद’ विषय पर एक राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन किया गया
A national seminar ‘Shared Culture Versus Terrorism’ was organized by Akhil Bharatiya Sarvjan Sanskriti Manch, Tirhut, at the Senate Hall of BRA University here on 5 December