महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा में एक आदिवासी छात्र की पीएचडी रद्द कर दी गई है।
पीएचडी रद्द करने की संस्तुति उनके अध्ययन-केंद्र के शोध निदेशक प्रोफ़ेसर लेल्ला करुण्यकरा ने की थी, जो ख़ुद दलित-बहुजन समाज से आते हैं। क्या है इस मामले का पेंच, बता रहे हैं कमल चंद्रवंशी :