भीमा-कोरेगांव के पूरे घटनाक्रम के संबंध में तथाकथित मेनस्ट्रीम मीडिया भ्रामक खबरें प्रचारित करती रही। इस पूरे मामले को दलित बनाम मराठा संघर्ष के रूप में भी पेश किया गया, जबकि सच्चाई इसके उलट थी। कैसे भीमा-कोरेगांव दलित-बहुजन एवं अल्पसंख्यक वर्गों में एकता के सूत्र मुहैया करा रहा है, विश्लेषण कर रहे हैं, महाराष्ट्र से जनार्दन गोंड :