बीते 8 जनवरी को दिल्ली में एक बैठक में ओबीसी बुद्धिजीवियों ने गरीब सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण दिए जाने का समर्थन किया और लगभग एक स्वर में कहा कि इससे ओबीसी को आबादी के अनुरूप आरक्षण की मांग करने का विकल्प बना रहेगा
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