फॉरवर्ड प्रेस

Menu
  • Homeमुखपृष्ठ
    • Cover Storyआवरण कथा
  • News & Politicsसमाचार और राजनीति
    • Brief Newsसंक्षिप्त खबर
    • Campus Compassपरिसर परिक्रमा
    • Hindistanहिंदीस्‍तान
    • Nationalराष्‍ट्रीय
    • Internationalअंतरराष्‍ट्रीय
  • Indian Societyभारतीय समाज
    • Social Analysisसामजिक विश्‍लेषण
    • Demographicsजनसांख्यिकी
    • Caste/Jatiजाति
    • Worldviewविश्‍वदृष्टि
  • Bahujan Cultureबहुजन संस्‍कृति
    • Arts & Craftsकला व शिल्‍प
    • Books पुस्‍तकें
    • Literatureसाहित्‍य
    • Our Heroesहमारे नायक
    • Festivalsत्‍योहार
    • Filmsफिल्‍म
    • Traditionsपरंपरा
    • Theatreरंगमंच
  • Empowermentसशक्तिकरण
    • Analysisविश्‍लेषण
    • Educationशिक्षा
    • Employmentरोजगार
    • Entrepreneurship उद्यमिता
    • Resourcesसंसाधन
  • Reportsरिपोर्ट
    • FYIसूचनार्थ
    • I-Witness चश्‍मदीद
    • Infographicsइंफोग्राफिक्‍स
    • Investigationखोज
    • RTIआरटीआई
  • Adviceसलाह
    • General (Dadu)दादू
    • Familyपरिवार
    • Businessव्‍यापार
    • Careerआजीविका
    • Wellnessकल्‍याण
  • FP Booksएफपी बुक्स

|

अंधविश्वास फैला रहे विज्ञान की कमाई खाने वाले

संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2010 में एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें भारत में 1987 से 2003 तक 2 हजार 556 महिलाओं को डायन या चुड़ैल कह कर मार देने की बात कही गई थी। एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2011 में 240, 2012 में 119, 2013 में 160 हत्याएं अंधविश्वास के नाम पर की गर्इं। दुखद यह है कि इसे बढ़ाने में वे भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं  जो विज्ञान की कमाई खाते हैं। बता रहे हैं संजीव खुदशाह :

Beneficiaries of science are spreading superstitions

In 2010, the UN had published a report that said 2556 women had been murdered between 1987 and 2003 after being labelled as witches. Another report stated that 240, 119 and 160 murders in 2011, 2012 and 2013 could be traced to superstition

भारत के पिछड़े वर्गों और क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों और उनके सरोकारों को नए परिप्रेक्ष्य से देखने और गहराई से समझने का प्रयास है फॉरवर्ड प्रेस. चुप कर दिए गए बहुसंख्यक दलितबहुजनों की आवाज़ है फॉरवर्ड प्रेस. हमारे मिशन के बारे में अधिक जानें

Forward Press brings a unique perspective and depth to the issues of India’s backward classes and backward regions – a voice of the “silenced majority”, the Dalit-Bahujans. Read more about our mission.

एफपी साप्ताहिकी
FP Weekly

फॉरवर्ड प्रेस साप्ताहिकी की सदस्यता लें और हर सप्ताह ताजे लेख ईमेल से पाएं। यह एकदम निःशुल्क है।

Subscribe to the free Forward Press newsletter to have the latest articles delivered to your inbox every week.

ताजा लेख

  • बातें नथाराम और श्रीकृष्ण पहलवान की
  • आदिवासी जीवन पद्धति : अतीत का अवशेष या भविष्य की राह?
  • बुद्ध जयंती के मौके पर पेरियार का ऐतिहासिक संबोधन
  • बहस-तलब : सियासी लाभ के लिए सवर्णों की पालकी ढोनेवाले दलितों का हश्र
  • ब्राह्मणवादियों के मन में क्यों है दक्षिण के खिलाफ जहर?
  • About
  • Privacy Statement
  • Terms of Service
  • Pricing Policy
  • Refund Policy
  • Contact Us
ISSN: 2456-7558
© 2022 Forward Press