ऊदा देवी के बारे में भारतीय इतिहासकारों ने बहुत कम, अंग्रेज अधिकारियों और पत्रकारों ने ज्यादा लिखा। लंदन के अखबारों में खबरें और रिपोर्ट आदि प्रकाशित हुए। यहां तक कि कार्ल मार्क्स ने भी उनकी वीरता के बारे में चर्चा की
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