जनवादी लेखक संघ ने कहा है कि हिंदुत्वादी संगठनों के कारनामे हर रोज़ असहिष्णुशीलता का सबूत दे रहे हैं। लेखकों-कलाकारों की अभिव्यक्ति की आज़ादी पर ये हमले दिनोंदिन बढ़ रहे हैं
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