तीन वर्षों से चल रही जांच के बाद सीबीआई ने सभी 12 सवर्ण आरोपियों को क्लीन चिट दे दिया है। सवाल उठता है कि अपने दो मासूम बच्चों को जिंदा जला देने वाला उनका पिता ही था? सवाल सीबीआई की जांच पर भी उठता है
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अगर हिंदू, हिंदू के सामने गाय काट डाले तो कानून की राय में वह क्या है? जानवर के चमडे से जीविका चलाने वाला कोई दलित अगर गाय मार डालता है, तो उसे मुसलमान के बराबर दोषी माना जाएगा, या कम? कोई पंडित जी अगर बूचड़खाना चलाते हों और वहां गाएं भी कटती रहीं हों तो उन्हें बराबर सजा मिलेगी?
बिहार में बीते 20 अगस्त 2018 को मानवता उस समय शर्मसार हो गई थी, जब उन्मादी भीड़ ने एक दलित महिला को शहर में घंटों नग्न घुमाया। यह सब पुलिस की आंखों के सामने हुआ। हालांकि, अदालत ने इस मामले में 20 लोगों को सजा सुनाई है। परंतु पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवालों के जवाब अब तक नहीं मिले। फारवर्ड प्रेस की खबर :
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
भारत में शिक्षा का द्वार शूद्रों-अतिशूद्रों के लिए हजारों वर्षों तक बंद रहा। आरक्षण के प्रावधान से यह दरवाजा थोड़ा खुला। इन वंचित तबकों को बराबरी के स्तर पर प्रतिनिधित्व मिलता, इससे पहले ही सरकारों ने चोर दरवाजे से आरक्षण खत्म करना शुरू कर दिया, यह सब कुछ कैसे घटित हो रहा है, बता रहे हैं चन्द्रभूषण गुप्त :
For thousands of years, the doors of education have been shut to Shudras and Atishudras. Reservations opened these doors just a little. Before the deprived people have got representation on a par with the others, governments are now withdrawing reservations through the backdoor. Chandrabhushan Gupt explains how this is happening
अगर अदालत ही समझौते की बात करने लगेगी तो न्याय कहां से होगा। इस मुद्दे पर हिन्दू समूहों ने अभी से यह कहना शुरू कर दिया है कि मुसलमानों को उस स्थान पर राममंदिर बनने देना चाहिए और उन्हें मस्ज़िद के लिए अन्यत्र भूमि दे दी जाएगी। जहां तक सत्ता की ताकत का संबंध है, दोनों पक्षों में कोई तुलना नहीं की जा सकती। राम पुनियानी का विश्लेषण :
By calling for a compromise out of court, the chief justice is shying away from serving justice. Out of court, the Hindu groups have already said that Muslims should leave the site for the Ram temple and another suitable plot of land will be given to them for the mosque, writes Ram Puniyani